क्या आपने शंख बजाया है? नहीं, तो इसे
बजाना सीख लीजिए। इसके आध्यात्मिक
ही नहीं, वैज्ञानिक लाभ भी हैं।
शंख की ध्वनि से न केवल पर्यावरण
शुद्ध होता है बल्कि कई तरह की बीमारियां
भी ठीक होती हैं।
नियमित रूप से शंखनाद माइक्रोब्स या
हानिकारिक बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं।
शंख की ध्वनि का एक विशेष वेवलेंथ और
फ्रिक्वेंसी होती है। जब इसे बजाते हैं तो शरीर
और मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक असर पड़ता है।
थायरॉइड और अस्थमा के रोगियों
को इससे राहत मिलती है। शंख फूंकने
में सांस लेने और छोड़ने से फेफड़े की
मांसपेशियां काफी एक्टिव होती हैं।
शंख बजाने से प्रोस्टेट, यूरिनरी ट्रैक्ट, फेफड़ा,
छाती और गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
इसकी ध्वनि से न केवल मानसिक तनाव घटता
है बल्कि मेडिटेशन में भी मदद मिलती है।
शंख बजाते समय ब्लड का फ्लो सिर और
ब्रेन की तरफ होता है। शंख बजाना यूरिनरी
ब्लैडर के लिए अच्छी एक्सरसाइज है।
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