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पोस्टपार्टम डिप्रेशन
न्यू मॉम की परेशानी
Health
बच्चे के जन्म के 2 हफ्ते बाद नई
मां को पोस्टपार्टम डिप्रेशन घेर सकता है।
प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन्स का लेवल
ज्यादा होता है, लेकिन डिलीवरी के बाद
अचानक इनका लेवल कम होता है जिससे
वह इसका शिकार हो सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में आई मुश्किलें, सिजेरियन
डिलीवरी, नींद की कमी, मोटापा, घरेलू हिंसा
और अधिक सोचना भी महिला को पोस्टपार्टम
डिप्रेशन का मरीज बना सकता है।
अगर पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज सही
समय पर न मिले तो महिला साइकोटिक डिप्रेशन
का शिकार हो सकती हैं। इस स्टेज पर वह खुद
को या बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है।
अगर नई मां पोस्टपार्टम डिप्रेशन का
शिकार है तो उन्हें मूड स्विंग होंगे। वह बिना
बात पर रोएगी, खुद को कोसेगी, उदास रहेगी
और लोगों से बात करने बचेगी।
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