चरकसंहिता में मूली को वात-पित्त-कफ
दूर करने वाला बताया गया है। मूली के अलावा
इसके पत्ते भी फायदेमंद होते हैं।
वायु दोष यानी पेट की गैस
खत्म करने के लिए मूली के पत्तों की
सब्जी बनाकर खाएं।
मूली के सेवन से विषैले तत्व शरीर
से बाहर निकलते हैं। पीलिया में इसका
सेवन विशेष रूप से फायदेमंद है।
विटिलिगो में स्किन अपनी रंगत खोने
लगती है, ऐसे में मूली के बीजों का पाउडर
बनाकर इसे विनेगर के साथ मिक्स कर स्किन
पर अप्लाई करें। पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
मूली कैल्शियम और पोटैशियम
जैसे खनिजों से भरपूर होती है और
इसके पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को
कंट्रोल कर सकते हैं।
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