नीम से भी हो
सकता है पेट में अल्सर
Health
नीम यानी औषधि का खजाना। संस्कृत
में इसे ‘अरिष्ट’ कहा गया है जिसका मतलब
है सभी बीमारियों को दूर करने वाला।
आयुर्वेद में नीम को खून साफ करने
वाला हर्ब माना गया है। नीम में नेचुरल
एंटी ऑक्सीडेंट्स होतेे हैं। इसे ब्लड
प्यूरीफायर कहा जाता है।
नीम की पत्तियां चबाने या किसी रूप
में इसका इस्तेमाल करने से ब्लड
सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
BHU के प्रोफेसर डॉ. भुवल राम
बताते हैं कि कई बार लोग नीम की
पत्तियां पीस कर ग्लास में भरकर पीते हैं।
इससे पेट में अल्सर बन सकता है।
नीम का रस हर दिन 10-15 ml
लेना चाहिए, लेकिन तीन सप्ताह से
अधिक नहीं लिया जा सकता।
डॉ. दीक्षा भावसार बताती हैं कि
बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं को
नीम का अर्क, रस नहीं देना चाहिए।
नीम का पाउडर और नीम की पत्तियां
गर्म पानी में डालकर नहाना चाहिए।
नीम मिले पानी को ठंडा करके इससे
बाल धोए जा सकते हैं।
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