माइंड कंट्रोल करने वाले
पैरासाइट का क्या है इलाज 

Health

पैरासाइट 'टोक्सोप्लाज्मा गोंडी' आधे से
ज्यादा इंसानों में होता है। इसे 'माइंड-कंट्रोल
पैरासाइट' भी कहते हैं।

यह पैरासाइट अपनी निष्क्रिय और
रक्षात्मक स्थिति में होने की वजह से आजीवन
इंसान के शरीर में रह सकता है। 

कुछ शोध के अनुसार, इस पैरासाइट की वजह
से इंसान में आक्रामकता, इंपल्सिव बिहेवियर
और सिज़ोफ्रेनिया जैसी चीजें हो सकती हैं,
जबकि कई शोध इसका खंडन करते हैं।  

पैरासाइटोलॉजिस्ट सेबस्टियन लौरिड ने एक
प्रोटीन की खोज की, जो टैकीज़ोइट्स को
ब्रैडीज़ाइट्स में बदलने के लिए जरूरी जीन को
'ऑन' कर देता है। इसे BFD1 नाम दिया है।

टीम ने एक और ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर की
खोज की जो BFD1 को कंट्रोल करता है,
जिसे उन्होंने BFD2 नाम दिया। BFD1 और
BFD2 एक दूसरे को कंट्रोल करते हैं। 

दो ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर इस विकास
प्रक्रिया में सेल को लॉक करके, टैकीज़ोइट्स
को ब्रैडीज़ोइट्स में मॉर्फ कर सकते हैं।

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