इंडिया में बनी
जेनरिक दवाएं
खा रहे अमेरिकी

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अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने
पहली बार ग्रेन्युल्स कंपनी को मेड इन
इंडिया दवाओं के निर्यात के लिए मंजूरी दी है।

कम दामों वाली भारतीय जेनेरिक दवा
 कंपनियों का अमेरिका में निवेश बढ़कर
82 हजार करोड़ रुपए का हो गया है।

जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल के कारण
 अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम को 2019 में
करीब 25.66 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है।

सन फार्मा, डॉ. रेड्‌डीज लैब जैसी
भारतीय कंपनियां अमेरिका में
दवाओं पर रिसर्च भी कर रही हैं।

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