मैकेनिकल इंजीनयिरंग
 का छात्र रहा है खालिस्तान समर्थक अमृतपाल 

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वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया और
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल तब चर्चा
में आया जब अजनाला में हजारों की भीड़
ने बैरकेडिंग तोड़ी और पुलिस पर हमला किया। 

अमृतपाल पंजाब के अमृतसर से 40 किमी
 दूर जल्लूपुर गांव का रहने वाला है। उसने
 कपूरथला में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में
दाखिला लिया, पर पढ़ाई बीच में छोड़ दी। 

10 साल दुबई में फैमिली बिजनेस संभालने
 के बाद वह पंजाब लौटा और खालिस्तान
का समर्थन करने लगा। उसे लोग अगला
 जरनैल सिंह भिंडरांवाले कह रहे हैं।

भास्कर के साथ इंटरव्यू में अमृतपाल ने दावा
 किया कि लोग खालिस्तान के समर्थन में हैं।
उसका कहना है कि अगर हिंदू राष्ट्र की मांग
 पर डिबेट नहीं होती, तो खालिस्तान पर क्यों? 

अमृतपाल का कहना है कि मैं सिर्फ एक
विचार को रिप्रजेंट कर रहा हूं। ये विचार मुझसे
 पहले भी था और मेरे जाने के बाद भी होगा। 

कहा कि पंजाब को ड्रग फ्री सोसाइटी
बनाना, पानी का संकट, माइग्रेशन और
भाषा का मुद्दा सुलझा रहे लोगों की मदद
 करना उसका मकसद है। 

खालिस्तान आंदोलन की कहानी 1929
 में शुरू होती है। 1973 में अकाली दल ने
अपने राज्य के लिए स्वायत्तता की मांग
की। ये मांग आनंदपुर साहिब रिजोल्यूशन
के जरिए मांगी गई थी। 

आनंद साहिब रिजोल्यूशन का ही कट्टर
समर्थक था जरनैल सिंह भिंडरांवाले।
रागी के तौर पर सफर शुरू करने वाले
भिंडरांवाले आगे चल कर उग्रवादी बना था।

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