इन दोनों टर्म के आधार पर तय
होती है किसी की लैंगिक पहचान
सेक्स और जेंडर में हैं कई अंतर
सेक्स बायोलॉजिकल टर्म है। बॉडी स्ट्रक्चर, क्रोमोसोम्स, हॉर्मोन्स, प्राइवेट पार्ट्स के आधार
पर जन्म के वक्त बच्चे का सेक्स पता चल
जाता है कि वह मेल है या फीमेल
जैसे पुरुष के रूप में जन्मा व्यक्ति खुद को
फीमेल महसूस करता है, तो उसका जेंडर
फीमेल होगा। इसी तरह, फीमेल के रूप में
जन्मी महिला का जेंडर मेल हो सकता है
सिसजेंडर वे होते हैं, जिनकी जेंडर
और बायोलॉजिकल सेक्स आईडेंटिटी
एक ही होती है
जैसे जन्म के वक्त बच्चे का सेक्स 'मेल'
हुआ और वह खुद को पुरुष ही मानता है,
तो उसे 'cisgender male' कहेंगे। इसी तरह,
फीमेल के लिए cis-female टर्म यूज होता है
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