पुरुष विदा होकर
जाता है
दुल्हन के घर

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मेघालय में खासी-गारो परिवार की
संपत्ति की वारिस भी बेटी ही बनती है।
इतना ही नहीं परिवार में सरनेम भी महिला
सरनेम के आधार पर ही चलता है।

मातृवंशीय परंपरा को मानने
वाली इन जनजातियों में भी अब पुरुषों
को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा
देने की मांग उठने लगी है।

ऐसा इसलिए भी हो रहा है क्योंकि
कई परिवारों में बेटियां नहीं हैं या फिर किसी
वजह से बेटी समुदाय से अलग शादी रचाती
है तो वारिस को लेकर दिक्कतें आती हैं।

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