KFC की रेसिपी
CEO तक को नहीं पता 

Food

मशहूर अमेरिकी लेखक स्टीफन किंग ने
कभी दुनिया के सामने एक विचार रखा था 'एक
प्रोडक्ट फैक्ट्री में पैदा हो सकता है लेकिन उसे
ब्रांड उसके कस्टमर ही बनाते हैं।'

दूसरी कंपनियां आपके प्रोडक्ट की
नकल कर सकती हैं लेकिन ब्रांड की नहीं।
केएफसी ऐसा ही एक ब्रांड है। जो दुनिया की
सबसे बड़ी रेस्तरां चेन में से एक है।

फ्राइड और नॉन-फ्राइड चिकन प्रोडक्ट
और फाउंडर की कहानी अब कई बिजनेस स्कूल
में केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जाता है। 

KFC के शुरू होने से लेकर अब तक इसके
कई मालिक बदले। लेकिन इसका स्वाद आज
भी ग्राहकों की पसंद बना हुआ है। 

KFC की बकेट से लेकर उसके स्टोर्स पर
एक हंसते हुए बूढ़े चेहरे को तो देखा ही होगा।
वो हंसता हुआ चेहरा है- कर्नल सैंडर्स का है,
जो इस ब्रांड की सालों से पहचान हैं।

सैंडर्स शुरुआत में कुर्सी-टेबल रखकर
चिकन बेचते थे। लोगों को स्वाद पसंद आया
तो इसे रेस्तरां में तब्दील कर दिया।

1939 में सैंडर्स को आखिरकार चिकन फ्राई
करने का सही तरीका समझ आ गया। उन्होंने
11 हर्ब्स और मसालों का मिकस्चर तैयार किया
और तब चिकन फ्राई करने की सीक्रेट रेसिपी
तैयार हुई। हालांकि कंपनी के सीईओ तक
को इसकी रेसिपी पता नहीं है। 

उनके एक दोस्त पीटर हरमन ने इस
चिकन को केंटुकी फ्राइड चिकन नाम दिया
और तब से कंपनी का नाम केएफसी पड़ गया।

शुरुआत में बिजनेस बढ़ाने के लिए
सैंडर्स गली-गली जाकर चिकन बेचते थे। और
फ्रेंचाइज लेने के लिए लोगों से विनती करते।
लेकिन उन्हें 1009 बार ‘ना’ सुनना पड़ा।

केएफसी के पास सिर्फ 70 रेस्तरां की इमारतों
का मालिकाना हक है। इसके दुनियाभर में 55,000
स्टोर्स हैं। इसमें 85 फीसदी अमेरिका के बाहर हैं
और 99 फीसदी फ्रेंचाइज मॉडल पर काम करते हैं।

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