प्रेग्नेंट महिला की
बच्चेदानी में
6 किलो की गांठ
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इंदौर में प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को
पेट में फाइब्रॉएड यानी गांठ की शिकायत थी।
डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने गांठ निकलवाने की
सलाह दी, महिला इसे टालती रही।
2 साल बाद महिला की बच्चेदानी से
6 किलो का फाइब्रॉएड निकाला गया। महिला
पहले से 7 साल के एक बच्चे की मां है।
फाइब्रॉएड की वजह से महिला को
पेट में लगातार दर्द, ज्यादा ब्लीडिंग, यूरिन में
जलन और मोशन में परेशानी होती थी।
यूट्रस में होने वाली गांठ या ट्यूमर को
फाइब्रॉइड कहते हैं। इसका साइज मूंग जितना
छोटा भी हो सकता है या खरबूजे जितना बड़ा भी।
बढ़ती उम्र, हार्मोनल चेंजेस या जेनेटिक
कारणों से कई महिलाओं को फाइब्रॉएड
की प्रॉब्लम होने लगती है।
फाइब्रॉएड ऐसा ट्यूमर है, जिसके इलाज
में बहुत सारे फैक्टर्स को देखा जाता है।
इसके बाद ही निकालने या नहीं निकालने
का फैसला लिया जाता है।
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