अमेठी वाले आरिफ गुर्जर और सारस की दोस्ती ने जहां एक तरफ मिसाल कायम की तो वहीं यह अब कानून के उल्लंघन का मुद्दा भी बना हुआ है।
देश में कुछ जानवरों-पक्षियों को पालने पर पाबंदी में सारस, तोता-कछुआ भी आते हैं। यही वजह है कि आरिफ पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत FIR हुई है।
हालांकि, सारस के साथ आरिफ की दोस्ती गलत तो नहीं थी मगर, उसे नजदीक के पुलिस स्टेशन में 48 घंटे के भीतर इसकी जानकारी देनी चाहिए थी।
याद रखें कि किसी भी संरक्षित पक्षी या जानवर को रखना, उसे खिलाना-पिलाना भी गैरकानूनी है।
यही नहीं, चिड़ियाघर और उसके परिसर में जानवरों को चिढ़ाना, खाना देना या तंग करना भी दंडनीय अपराध है, जिसमें 25 हजार जुर्माना या 3 साल की सजा तक हो सकती है।