बुजुर्ग माता-पिता
की सेवा
बेटा करेगा या बेटी
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वरिष्ठ नागरिकों की सेवा की
जिम्मेदारी उनके सभी बच्चों की होती है।
अगर कोई रिश्तेदार बुजुर्ग की संपत्ति लेता है
या वारिस होता है, तो वो भी सीनियर सिटीजन्स
की देखरेख के लिए जिम्मेदार है।
बेटे के बाद अगर बहू को सास-ससुर की
प्रॉपर्टी मिलती है या वो उसकी वारिस होती है तो
सास-ससुर की जिम्मेदारी बहू की होगी।
बूढ़े माता-पिता की सेवा न करना, अनदेखी करना
अपराध है। इसके लिए 5000 रुपए का जुर्माना
या तीन महीने की सजा या दोनों हो सकते हैं।
मेंटेनेंस का दावा करने के लिए बुजुर्ग पता
करें कि उनके जिले में SDO कहां बैठते हैं।
उनके ऑफिस जाएं।
SDO के पास अपनी लिखित शिकायत लेकर ही
जाएं, जिनसे मेंटेनेंस लेना है, उनका नाम, एड्रेस और
सारी डिटेल शिकायत में लिखित होनी चाहिए।
शिकायत सुनने के बाद SDO बच्चों या
रिश्तेदारों को एक नोटिस भेजकर बुलाएगा,
सुनवाई और गवाही होगी।
सीनियर सिटीजन भरण-पोषण ट्रिब्यूनल
के फैसले को चैलेंज भी कर सकते हैं।
अगर कोई पेरेंट्स को प्रताड़ित कर रहा है
तो ट्रिब्यूनल खुद संज्ञान लेकर बच्चों के
खिलाफ एक्शन ले सकता है।
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